दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरूवार को कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार को निर्देश दिया है कि वह 5,000 शिक्षकों के तबादले का आदेश तत्काल वापस लें, जो उनकी मंजूरी के बिना जारी किया गया था। 'शिक्षा निदेशालय के शिक्षण कर्मचारियों के तबादले के लिए ऑनलाइन अनुरोध' शीर्षक वाले परिपत्र में एक स्कूल में 10 वर्ष से अधिक समय तक सेवा दे चुके सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से तबादले के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया गया था। शिक्षा निदेशालय ने 11 जून को एक आदेश में कहा था, एक ही विद्यालय में लगातार 10 वर्ष पूरे कर चुके सभी शिक्षकों को आपसी सहमति या सामान्य रूप से अधिकतम संख्या में विद्यालयों का चयन करने के आधार पर तबादले के लिए अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जो शिक्षक ऑनलाइन आवेदन नहीं करेंगे, मुख्यालय स्वयं ही उनका आधिकारिक आवश्यकता के अनुसार किसी भी स्कूल में तबादला कर देगा।'' शिक्षा मंत्री ने एक जुलाई को आदेश दिया था कि किसी भी शिक्षक का तबादला केवल इसलिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने किसी विशेष स्कूल में 10 वर्ष से अधिक समय बिताया है। आतिशी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा, मेरे आदेशों के विपरीत दो जुलाई को एक तबादला आदेश जारी किया गया जिसमें लगभग पांच हजार शिक्षकों का तबादला किया गया। मैंने मुख्य सचिव को इस आदेश को वापस लेने का निर्देश दिया है। मैंने उनसे यह भी कहा है कि अगर कोई भ्रष्टाचार या गड़बड़ी हुई है तो इसकी जांच कराई जाए।''
आतिशी ने टीचर्स के ट्रांसफर में लगाए रिश्वतखोरी के आरोप, कहा- आदेश पर तुरंत लगाएं रोक
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