नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने स्पाइसजेट के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह और चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन पर आरोप है कि कंपनी ने कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) की 12 प्रतिशत कटौती की गई राशि उनके पीएफ खाते में जमा नहीं की। यह राशि लगभग 65 करोड़ रुपये की है। ईपीएफओ द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है। स्पाइसजेट के ऊपर आरोप है कि जून 2022 से जुलाई 2024 के बीच कर्मचारियों के वेतन से पीएफ के 12 प्रतिशत हिस्से की कटौती की गई थी, जिसे 15 अगस्त 2024 तक जमा किया जाना था. लेकिन कंपनी ने इसे जमा नहीं किया। एफआईआर में कंपनी के एमडी अजय सिंह, निदेशक शिवानी सिंह, स्वतंत्र निदेशक अनुराग भार्गव और दो अन्य अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। यह आरोप है कि कंपनी ने अपने 10,000 से अधिक कर्मचारियों से कटौती की गई राशि को ईपीएफओ में जमा नहीं किया, जो कानून का उल्लंघन है। स्पाइसजेट ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह मामला कंपनी द्वारा क्यूआईपी के जरिए नए फंड जुटाने से पहले का है और तब से सभी लंबित वेतन और जीएसटी बकाया चुकाए जा चुके हैं। कंपनी ने कहा कि पीएफ के बकाए के दस महीने की रकम भी जमा की जा चुकी है और बाकी बकाया भी जल्द पूरा किया जाएगा।
नए संकट में स्पाइसजेट, 5 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज
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