नई दिल्ली । भीषण गर्मी से पहले से बेहाल और पानी के लिए कराह रही दिल्ली को सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश से भी आज तगड़ा झटका लगा है। पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त पानी की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय पहुंची दिल्ली सरकार की याचिका पर अदालत ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश जिसने पहले दिल्ली को 137 क्यूसेक पानी देने की सहमति जताई थी, वह भी आज मुकर गया। हिमाचल ने कहा, उसके पास दिल्ली को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है, इसलिए वह सरप्लस पानी नहीं देगा। वैकेशन बेंच ने दिल्ली सरकार से यूवाईआरबी को शाम 5.00 बजे तक आवेदन देने को कहा है कि वह दिल्ली को मानवीय ग्राउंड पर पानी सप्लाई कर दे। हिमाचल प्रदेश सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उसके पास 136 क्यूसेक सरप्लस पानी नहीं है और इसके साथ ही उसने अपना पुराना स्टेटमेंट भी वापस ले लिया जिसमें उसने 136 क्यूसेक पानी देने पर सहमति जताई थी। कोर्ट ने आगे कहा, इस मामले को हम उस बोर्ड के अधीन छोड़ते हैं जो इसकी एक्सपर्ट है और सभी राज्यों ने मिलकर जिसका गठन 1994 में किया था। अदालत ने आगे कहा कि चूंकि यूवाईआरबी पहले ही दिल्ली सरकार को पानी सप्लाई के लिए मानवीय आधार पर आवेदन देने के लिए कहा है… तो अगर सरकार ने आवेदन न दिया हो तो शाम 5 बजे तक आवेदन दे दे। अदालत ने यह भी कहा कि आवेदन मिलते ही बोर्ड इस पर गौर करे और कल बैठक कर जल्द से जल्द मामले में फैसला ले।
प्यासी दिल्ली के लिए नहीं पसीजा हिमाचल का दिल
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